सागर। मप्र के सागर भाजपा में एक बार फिर गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। नगर निगम सागर के 32 पार्षदों ने महापौर संगीता सुशील तिवारी के खिलाफ खुली बगावत कर दी। पार्षदों ने विधायक शैलेंद्र जैन और मंत्री गोविंद राजपूत के साथ राजधानी पहुंचकर मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और नगरीय आवास एवं विकास मंत्री कैलाश विजयर्गीय को एक पत्र सौंपा है जिसमें महापौर और उनके परिजन की कार्यप्राणाली को लेकर कई आरोप लगाए हैं।
सागर में भाजपा की महापौर संगीता तिवारी के कार्य व व्यवहार से भाजपा पार्षद नाराज हैं। महापौर पति व भाजपा नेता सुशील तिवारी, भतीजे ऋषांक तिवारी व बेटे सूर्यांश तिवारी द्वारा महापौर चैंबर में कब्जा करने, प्रशासनिक कार्यों में हस्ताक्षेप से अधिकांश पार्षद आहत व क्षुब्ध हैं। भोपाल में नगरीय आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मिलकर पार्षदों ने अपनी उपेक्षा, पीढ़ा और दर्द बताया। लिखित शिकायत में कहा गया है कि महापौर चैंबर अनाधिकृत तौर पर अन्य व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है, वहां अवांछनीय गतिविधियां की जाती हैं। महापौर की अनुपस्थिति में महापौर कक्ष में अन्य व्यक्तियों की मौजूद रहती है। महापौर पति डॉ. सुशील तिवारी व भतीजा ऋषांक तिवारी एमआईसी और सामान्य परिषद की बैठकों में मौजूद रहते हैं।
सूत्रों के अनुसार पार्षदों ने विभागीय मंत्री विजयवर्गीय को बताया कि महापौर श्रीमती तिवारी द्वारा एमआईसी की निरंतर बैठकें नहीं बुलाई जाती, परिषद के साधारण सम्मलेन तीन—तीन, चार—चार महीने में कराए जाते हैं। जनसाधारण और विकास के निर्णय प्रभावित होते हैं। इसके अलावा पार्षदों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर एवं उनके प्रतिनिधियों के द्वारा महापौर के पुत्र श्री सुर्याशं तिवारी के नाम से विवादित मकान खरीदा गया जिसको गिराने की अनुमति एमआईसी द्वारा दी गई जो अवैधानिक है। पार्षदों ने मंत्री को सामुहिक रूप से बताया कि महापौर के चैंबर में उनके प्रतिनिधियों द्वारा पार्षदों का ठेकेदारों के सामने अपमान किया जाता है। महिला पार्षद महापौर से मिलने उनके कक्ष में जाती हैं तो वे अपने विषय उनके समने नहीं रख पाती, क्योंकि कक्ष में उनके प्रतिनिधियों के साथ असामाजिक व अवांछनीय तत्व मौजूद रहते हैं जिनके सामने महिला पार्षद स्वयं को अपमानित महसूस करती है।
महापौर के वित्तीय अधिकार प्रतिबंधित करने की मांग
सागर निगम के 32 पार्षदों और भाजपा संगठन के पदाधिकारियों ने महापौर संगीता तिवारी के प्रतिनिधियों का महापौर कक्ष, एमआईसी और परिषद में प्रवेश प्रतिबंधित करने, उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की मांग सहित महापौर के वित्तीय अधिकारी निरस्त करने की मांग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से की गई है।
सीएम और प्रदेशाध्यक्ष को फोन पर दी गई जानकारी
सूत्रों के अनुसार सागर नगर निगम के पार्षद और विधायक शैलेंद्र जैन ने सीएम से मिलने का समय लिया था, लेकिन किन्ही कारणवश सीएम मोहन यादव से मुलाकात नहीं हो सकी। फोन पर सीएम और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को मामले की सारी जानकारी दी गई है। इसके बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात कर उन्हें शिकायती पत्र सौंपा है।
सागर में तीन गुटों में बंटी भाजपा
सागर में पिछले कई सालों से भाजपा तीन गुटों में बंटी नजर आ रही है। महापौर संगीता सुशील तिवारी पूर्व मंत्री व खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह के खेमे से आते हैं। इधर मंत्री गोविंद राजपूत का अलग खेमा है। सागर विधायक का अलग खेमा है। निगम में संगीता तिवारी के महापौर बनने के बाद विधायक को काफी हद तक उपेक्षित रखा जाता रहा है। अब सीएम मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार में विधायक काफी पॉवरफुल नजर आ रहे हैं।
महापौर और निगमाध्यक्ष में चल रही तनातनी
निगम सूत्रों पर भरोसा करें तो महापौर संगीता सुशील तिवारी और निगमाध्यक्ष वृंदावन अहिरवार के बीच ही तनातनी चल रही है। कई विषयों को लेकर बीते दो साल में सुशी तिवारी और निगमाध्यक्ष सबकुछ ठीकठाक न चलने की खबरें सामने आती रही हैं। मंगलवार को भी निगमाध्यक्ष और भाजपा पार्षद एक साथ ही भोपाल पहुंचे थे।