सागर। देश-दुनिया की सबसे ऊंचे माउंटेन फतह करने के बाद अब सागर की पूर्व विधायक पारूल साहू ने यूरोप की सबसे ऊंचे ‘माउंटेन एल्ब्रुस’ को फतह किया है। वे यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ का संदेश लेकर पहुंची। बता दें कि पारूल साहू पर्वतारोही हैं और पीएम नरेंद्र मोदी के अभियान व क्लाइमेंट चेंज के दुष्परिणामों से बचने का संदेश लेकर बर्फीली चोटी पर पहुंची थीं, जहां से उन्होंने पूरी दुनिया को पर्यावण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने यहां भारतीय राष्ट्रध्वज तिरंगा भी फहराया।
यूरोप में मौजूद सबसे ऊंची ‘माउंट एल्ब्रुस’ चोटी पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा रहा है। सागर की रहने वालीं व पूर्व विधायक पारुल साहू ने इस चोटी को फतह करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ का संदेश भी दिया। वे अपने साथ अभियान का पोस्टर और तिरंगा झंडा लेकर पहुंची थीं।
देश-दुनिया के बदले पर्यावरण और इससे होने वाले खतरों से बचने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान प्रारंभ किया है। इसी का पोस्टर संदेश लेकर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर मध्यप्रदेश के सागर जिले की पूर्व विधायक और पर्वतारोही पारुल साहू पहुंची और पूरी दुनिया को क्लाइमेट चेंज के दुष्परिणामों से बचने का संदेश दिया। प्रधानमंत्री के संदेश का पोस्टर देकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने दिल्ली से पर्वतारोही के दल को रवाना किया था। “एल्ब्रुस” चोटी यूरोप की सबसे ऊंची 18510 फीट पर है। इस साहसिक अभियान में 8 सदस्यीय दल शामिल रहा।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने किया था रवाना
बता दें कि बीते पारूल साहू बीते 8 अगस्त भोपाल से रवाना हुई थीं। उनको केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान का पोस्टर पर्वतारोही दल की पारुल साहू को सौंपा। इसे लेकर निकली पारुल और पूरी टीम ने 17 अगस्त को ” एल्ब्रुस ” चोटी पर संदेश पहुंचाया और देश का नाम रोशन किया।
18467 फीट ऊंची है बर्फीली चोटी, काफी कठिनाई उठाना पड़ी
पारुल साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 अगस्त को 12467 फीट ऊंचाई पर स्थित गरबाशी बेस कैंप से निकलने का प्लान था, लेकिन घुटने में अत्याधिक ठंड की वजह से सूजन आने के कारण मुझे रुकना पड़ा। दल में शामिल फिजियो ने शारीरिक अभ्यास रेगुलर कराया। फिटनेस सही होने पर हल्के दर्द के साथ यह अभियान शुरू किया। पर्वतारोही दल के टीम लीडर पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल रोमिल के साथ 18510 फीट ऊंची “एल्ब्रुस” चोटी पर 16 अगस्त की रात से चढ़ना शुरू किया था।
दो दशक में दुनिया भर की चोटियां फतह की, लेकिन एल्ब्रुस का अलग अनुभव रहा
पारुल साहू ने बताया कि पिछले दो दशकों से देश दुनिया की कई चोटियों पर पहुंची है। लेकिन यूरोप की इस चोटी पर पहुंचना एक अलग अनुभव था। यूरोप की सबसे सर्द और बर्फीली चोटी पर तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस रहता है। हवा की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इसमें हम लोगो धीरे—धीरे चढ़ना शुरू किया। चारों तरफ बर्फ की चादर ही दिखती रही। टीम के सदस्यों की सुरक्षा भी अहम थी। लेकिन अनुभवों के सहारे इस मुकाम को 17 अगस्त को पूरा कर लिया और एक पेड़ मां के नाम का पोस्टर लहराते हुए पूरे दुनिया में संदेश दिया। इसी दौरान दल की एक बहुत ही अनुभवी महिला पर्वता रोही चढ़ते समय फिसल गई । उनको रेस्क्यू कर सुरक्षित हॉस्पिटल पहुंचाया गया।