शहडोल। मातारानी की यदि कृपा हो जाए तो इंसान रंग से राजा बन जाता है, माता रानी की कृपा से व्यक्ति की तकदीर पलभर में बदल जाती है। लेकिन एक मामला ऐसा भी सामने आया है जिसमें माता स्वयं 27 साल तक कैद में रहीं है! बीते रोज उन्हें पुलिस की कैद से रिहाई मिली तो भक्तों ने पूरे गांव को सजा दिया और धूमधाम से माता को लेकर मंदिर पहुंचे जहां प्राण-प्रतिष्ठा कराई गई।
मामला शहडोल जिले के ब्यौहारी थाने के मालखाने में ‘लोड़ा माता’ या ‘लोड़ा देवी मां’ की प्रतिमा मालखाने में 27 साल से रखी हुई थी। उस दौरान उनके मंदिर से अज्ञात व्यक्तियों ने तस्करी या चोरी के उद्देश्य से प्रतिमा गायब कर दी थी। बाद में पुलिस ने उसे बरामद कर लिया था। लेकिन कानूनी दांव पेंच फंसने से प्रतिमा 27 वर्ष ब्यौहारी थाने के मलखाने में बंद रही है। 27 साल से पुलिस के कब्जे में कैद देवी प्रतिमा को न्यायालय के आदेश के बाद रिहाई मिली है। नवरात्रि के समय मूर्ति मिलने के बाद भक्तों ने बड़े धूमधाम के साथ मूर्ति को दोबारा मंदिर में स्थापित कराया है।
एक दिन अचानक गायब हो गई थी प्रतिमा
दरअसल, शहडोल जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जमुनी स्थित लोढ़ा माता मंदिर से वर्ष 1997 में माता रानी की प्रतिमा गायब हो गई थी। मूर्ति चोरी की शिकायत ब्यौहारी थाना मे मंदिर के पुजारी प्यारे लाल द्वारा दर्ज कराई गई थी। ब्यौहारी पुलिस ने अपराध क्रमांक 218/97 पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मूर्ति चोरी का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने मामला दर्ज करते ही 15 दिन में ही देवी की प्रतिमा को बरामद कर लिया था। मूर्ति चोरी करने वाले चोर भी गिरफ्तार हो गए थे।
सुरक्षा के लिहाज से मालगोदाम में रखवा दिया था
कानूनी प्रक्रिया के तहत लोढ़ा देवी की मूर्ति को थाने के माल गोदाम मे रखवा दिया था। मूर्ति पिछले 27 साल से वहीं रखी हुई थी। मामला कोर्ट में होने के चलते भक्तों को मूर्ति मिलने परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। भक्तों ने न्यायालय में वकील के माध्यम से अपनी फरियाद प्रस्तुत की। न्यायालय ने 27 साल से पुलिस माल खाने में बंद मूर्ति को ग्रामीणों को सुपुर्द करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद ग्रामीणों को लोढ़ा देवी की प्रतिमा पुलिस माल खाने से वापस मिल सकी। मूर्ति मिलने के बाद ग्रामीणों ने बड़े धूमधाम के साथ पूजा अनुष्ठान करके मूर्ति को दोबारा उसी स्थान पर स्थापित कराया, जहां से वह चोरी हुई थी। नवरात्रि के समय मूर्ति की स्थापना दोबारा होने से ग्रामीणों के बीच खुशी है।
मामला प्रतिमा चोरी का था, अब मंदिर में स्थापित
ब्यौहारी थाना प्रभारी अरुण पांडेय ने बताया कि न्यायालय से आदेश मिलने के बाद ग्रामीणों को मूर्ति वापस सौंप दी है। यह मामला 27 साल पुराना था। मामला चोरी का था। इस कारण बिना न्यायालय के आदेश के मूर्ति नहीं दी जा सकती थी। पुलिस ने लोढ़ा माता की मूर्ति मंदिर के वर्तमान पुजारी प्यारेलाल को सौंप दी है।