मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के हस्ताक्षेप से सागर जिले में एक स्कूल परिसर को कब्रिस्तान बनाने की नाकामयाब कोशिश का पर्दाफाश हुआ है। दरअसल सानौधा थाना इलाके के गिरवर में तीन महीने में दूसरी दफा मृतक को सुपुर्दे खाक करने के लिए कब्र खोदी जा रही थी। आयोग को जानकारी मिली तो जिला प्रशासन को सूचित किया गया। बता दें कि स्कूल परिसर में तीन महीने पहले भी एक शव दफनाया गया था।
सागर। मप्र बाल संरक्षण अधिकार आयोग (CPCR) के हस्ताक्षेप से सागर जिले में एक सरकारी स्कूल परिसर में कब्र खोदकर मृतक को दफनाने से रोका गया है। स्कूल परिसर में करीब तीन महीने पहले भी एक कब्र बनाई जा चुकी थी। मौके पर जब स्थानीय पुलिस कब्र खोदने से रोकने पहुंची तो लोग पुलिस को ही धमकी देने लगे थे। बाद में प्रशासन ने दलबल दिखाया तब जाकर दूसरी जगह पर कब्र बनाई गई है।
सागर जिले के गिरवर गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल के मैदान में कुछ लोग किसी मृतक को दफनाने के लिए कब्र खोद रहे थे। किसी ने इसकी खबर मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह को दी थी। उन्होंने तत्काल कलेक्टर संदीप जीआर को मामले की सूचना दी तो प्रशासन हरकत में आया। गिरवर में दोपहर में पुलिसकर्मी यहां पहुंचे और कब्र खोदने और सुपुर्दे खाक की प्रक्रिया रोकने की बात कही तो मृतक के परिजन व समाज के लोग पुलिस को ही धमकी देने लगे।
धमकी के बाद एएसपी दलबल के साथ पहुंचे
स्थानीय पुलिस से जब मामला नहीं संभला और लोग शव को थाने में रखकर प्रदर्शन की धमकी देने लगे और दफनाने से इंकार किया तो मामला बिगड़ता देख एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा और प्रशासन का अमला भारी पुलिसबल के साथ गिरवर पहुंच गया। यहां उन्होंने समाज और परिवार के लोगों को समझाइश दी। लोगों का कहना था कि यहां हमारा कब्रिस्तान पहले से था, लेकिन इसके बाजू में स्कूल बना दी गई है। काफी मशक्कत के बाद लोग माने। प्रशासन ने उन्हें मृतक को दफनाने के लिए दूसरी जगह दी है।
पहले भी छुट्टी के दिन दफनाते हैं शव, 3 महीने पहले भी दफनाया था
जानकारी अनुसार गिरवर के सरकारी स्कूल परिसर में दूसरी दफा कब्र खोदकर मृतक को दफनाने की तैयारी चल रही थी। बीते 14—15 अगस्त को सरकारी अवकाश के दिन यहां पर कब्र खोदकर गांव के किसी व्यक्ति को सुपुर्दे खाक किया गया था। कब्र पर पत्थर भी बकायदा लगाया गया था। अब शुक्रवार 15 नवंबर को भी छुट्टी का दिन था और स्कूल परिसर में कब्र खोदी जा रही थी। यदि समय पर सूचना नहीं मिलती तो लोग दफनाने की प्रक्रिया पूरी कर देते और स्कूल परिसर में दूसरी कब्र तैयार हो जाती।
प्रशासन की गलती है, नोटिस जारी किए हैं
मप्र बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने नवभारत टाइम्स को जानकारी देते हुए बताया कि गिरवर में करीब 3 महीने में दूसरी दफा शव दफनाने का काम चल रहा था। शुक्रवार को अवकाश था, अगस्त महीने में भी अवकाश के दिन ही शव दफनाया गया था। यह गलत है। प्रशासन को मौके पर जाकर देखना था, इसे रोकना था। उस समय रोका जाता तो अभी यह स्थिति नहीं बनती। मामले में आयोग ने संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब—तलब किया है।