डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्टाफ और विद्यार्थी इतने घबराय और डरे हुए कभी नहीं रहे, जितना अभी हैं। दरअसल यहां बीते एक हफ्ते से तेंदुए की दहशत बनी थी। लेकिन कैम्पस में पिछले 24 घंटे में जिस उम्र और साइज के तेंदुओं को देखा गया है, उसको लेकर संभावना जताई जा रही है कि एक की बजाय तीन तेंदुए परिसर में घूम रहे हैं।
सागर। डॉ. हरीसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी सहित सागर के पॉश इलाकों में तेंदुओं की दहशत बन गई है। पहले विवि हॉस्टल परिसर में एक ही तेंदुआ दिखा था, लेकिन अब तीन अलग-अलग लोकेशन पर तीन अलग-अलग साइज के तेंदुए देखे गए हैं। बीती रात आवासीय कैम्पस में एक प्रोफेसर बंगले की छत पर तेंदुआ सोता मिला था। इसकाा वीडियो भी सामने आया है। इसके कुछ देर बाद कैंपस इलाके में ही एक बड़ा तेंदुआ सड़क पार करते नजर आया था।
डॉ. गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी परिसर में एक बार फिर तेंदुओं का मूवमेंट हुआ है। एक हफ्ते पहले हॉस्टल परिसर में दो दफा नजर आया था। अब तीन तेंदुए अलग-अलग जगह देखे गए हैं। सोमवार तड़के विवि के आवासीय कैंपस में एक असिस्टेंट प्रोफेसर के बंगले की छत पर छोटे कद मा तेंदुआ सो रहा था। माली यहां सफाई करने पहुंचा तो तेंदुए पर उसकी नजर पड़ी। उसने शोर मचाया तो तेंदुआ वहां से भाग खड़ा हुआ। इसके समय बाद आगे कैंपस में ही मुख्य मार्ग पर एक बड़ा तेंदुआ सड़क पर चलते हुए देखा गया। जिन-जिन लोगों ने तेंदुओं को देखा है और जिनके फोटो या वीडियो सामने आए हैं उनमें तीनों जगह देखे गए तेंदुए अलग-अलग साइज के नजर आ रहे हैं। बता दें कि विवि के चारों तरफ सैकड़ों एकड़ का पहाड़ी ढलान और घना जंगल लगा हुआ है।
वन विभाग डॉग स्क्वायड लेकर घूमता रहा, तेंदुआ छत तक पहुंच रहे
विवि में बीते एक हफ्ते से वन विभाग का डॉग स्क्वायड पूरे परिसर व जंगल के इलाके में डॉग के साथ तेंदुए की सर्चिंग में जुटा हुआ है। लेकिन उसे तेंदुआ नहीं दिख सका। अब एक बार फिर अलग-अलग लोकेशन पर तेंदुए नजर आने से विवि कैंपस, हॉस्टल के छात्र-छात्राओं व यहां आवागमन करने वालों में दहशत का माहौल बन गया है।
दहशत में स्टाफ और शहरवासी, टहलना भी बंद
विवि परिसर की सुरम्य वादियों और हरियाली से भरी सड़कों पर रोजाना सुबह-शाम हजारों लोग वॉक करने आते थे। विवि परिसर ही नहीं शहर से लोग यहां आते थे,जिनमें मंत्री, विधायक, पूर्व सांसद सहित जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे हैं। लेकिन तेंदुए की मौजूदगी की खबरों के चलते अब यहां एक भी व्यक्ति शाम को टहलते हुए नहीं दिख रहा है। सब लोगों ने यहां टहलना बंद कर दिया है। जो निकल भी रहे हैं वे वाहनों और पूरी सतर्कता के साथ आ-जा रहे हैं।