मप्र में अब विधायक भी दबाव की राजनीति करने लगे हैं। बीती रात पुलिस द्वारा एफआईआर न लिखे जाने से तैश में आए सागर जिले में देवरी से बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने अपना इस्तीफा लिखकर विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया था। मामला सोशल मीडिया पर उछलने के बाद संगठन सक्रिय हुआ और आधी रात को जैसी ही पुलिस ने विधायक की इच्छा अनुसार एफआईआर दर्ज की तो वे इस्तीफे की बाद से पलट गए। अब बोल रहे हैं व गुस्से में लिखा था, अब इस्तीफे का सवाल नहीं उठता।
सागर। जिले में देवरी विधायक बृजबिहारी पटेरिया अपनी दबाव की राजनीति में सफल हो गए। दरअसल केसली थाना क्षेत्र में सर्पदंश से मृत एक व्यक्ति के परिजन से सरकारी अस्पताल के डॉक्टर सर्पदंश से मौत का कारण लिखने के एवज में कथित रूप से 40 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। मामला विधायक तक पहुंचा तो उन्होंने हस्तक्षेप किया, लेकिन डॉक्टर नहीं माने तो विधायक पटेरिया केसली थाने पहुंच गए। जब पुलिस ने एक्ट और नियमों का हवाला देकर डॉक्टर पर एफआईआर लिखने से इंकार कर दिया तो विधायक वहीं समर्थकों संग धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने पुलिस द्वारा नाफरमानी के मामले को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया और विधायक पद से इस्तीफा लिखकर भेज दिया। उन्होंने विधानसभा सचिव को व्हाट्सएप भी कर दिया।
आधी रात तक चला मामला, प्रदेशाध्यक्ष के हस्ताक्षेप से सुलझा
सूत्र बताते हैं कि मामला उछलने के बाद देर रात भाजपा संगठन के आधा नेता सक्रिय हुए और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मामले में हस्ताक्षेप करना पड़ा। जिसके बाद रात में ही केसली थाना पुलिस ने विधायक की मंशा अनुसार सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज कर ली।
विधायक ने लिया यू टर्न, बोले इस्तीफे की बात ही नहीं है
देवरी विधायक बृजबिहारी पटेरिया विधानसभा अध्यक्ष के अपना इस्तीफा लिखने के चंद घंटों बाद ही यू—टर्न मार गए। संगठन के हस्ताक्षेप और प्रशासनिक अधिकारियों के सक्रिय होने के बाद एफआईआर दर्ज होते ही उन्होंने इस्तीफे की बात से किनारा कर लिया। स्थानीय मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह आत्मसम्मान का मामला था। इसलिए गुस्से में आकर इस्तीफा लिख दिया था। अब संगठन, प्रदेशाध्यक्ष और सीएम जो कहेंगे, उनके निर्देशानुसार ही काम करूंगा। इस्तीफे की अब बात ही नहीं है।