परत दर परत हम आपके सामने लायेंगे मामला,खोलेंगे घोटाले की पोल
मध्यप्रदेश में सरकार भले ही सुचिता, प्रशासनिक कसावट और जीरो टोरलेंस के दावे कर रही है लेकिन प्रशासन में बैठे उनके नुमाइंदे इन दावों की हवा निकाल रहे है मामला प्रदेश के शहडोल जिले के स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है जहां पूर्व बीएमओ एव तत्कालीन बीएमओ ने शासन को लाखो करोड़ो का चूना लगा दिया हैरान करने वाली बात ये है की मामले की जानकारी सामने आने के बाद अधिकारी गेंद एक दूसरे के पाले में फेंक रहे और कार्यवाही करने की जगह इसे दबाने में जुटे है
जाने क्या है मामला
एमपी में शहडोल जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जयसिंह नगर इन दिनों सुर्ख़ियों में बना हुआ है दरअसल RTI एक्टविस्ट विनीत त्रिपाठी ने केंद्र से सूचना के अधिकार के तहत जब जानकारी निकाली तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया पहले तो तत्कालीन बीएमओ डॉक्टर दीवान ने गलत जानकारी देकर गुमराह करने और मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन जब सही जानकारी को लेकर RTI कार्यकर्ता ने उच्चाधिकारियों को शिकायत की गई तो डॉक्टर दीवान ने जो जानकारी उपलब्ध करवाई उससे एक बड़ी बंदरबाट होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता
जानकारी में निकले चौकाने वाले खुलासे
1 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगी कल्याण समिति के दस्तावेज उपलब्ध ही नही है अब इन दस्तावेजों को जमीन खा गई या आसमान निगल गया
2 2020 से 2022 के बीच करोड़ों की खरीदी की गई उसका रिकार्ड भी गायब है वर्तमान BMO डॉक्टर दीवान इस मामले पर पूर्व BMO डॉक्टर तिवारी पर आरोप लगा रहे हे
3 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगी कल्याण समिति तो बनी पर आज तक एक भी बैठक नही की गई
4 बगैर जांच के ऑडिट टीम ने बीते 2 साल के रिकॉर्ड को कर दिया दुरुस्त
इनका कहना है
पूरे मामले में वर्तमान BMO डॉक्टर दीवान का कहना है कि उन्होंने तत्कालीन BMO डॉक्टर राजेश तिवारी से कई बार दस्तावेज मांगे पर उनके द्वारा कोई दस्तावेज नही दिए गए डॉक्टर दीवान ने इसके लिए अपने उच्चाधिकारी को भी पत्र से अवगत कराया
परन्तु डॉक्टर राजेश तिवारी ने अपने रसूख मामले को रफा दफा कर दिया
रसूखदार राजेश तिवारी के आगे नतमस्तक आला अधिकारी
हालांकि दस्तावेज गायब हुए या फिर कर दिए गए यह सब तो जांच के बाद सामने आएगा और पूरे मामले में कौन दोषी है यह भी जांच का विषय हे लेकिन इतना तो तय है की 4 साल से चल रहे इस खेल में किसी बड़े खिलाड़ी के आशीर्वाद बिना इतना बड़ा बंदरबाट नहीं हो सकता
इस मामले में ऑडिट टीम ने कैसे किया खेला कितने मिले पैसा और धेला न रहेगा राज अब न चलेगा ऐसा काज हम उठाएंगे पूरे मामले से पर्दा बने रहे डेली नेशनल टाइम्स के साथ
क्रमश: