मप्र में भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के गृहनगर में भाजपा की नगर पालिका अध्यक्ष दीपा लहरिया ने अचानक बीच में ही पद से इस्तीफा देकर सनसनी फैला दी है। वे बीते दो साल से बेहतर तरीके से नपा का संचालन कर रहीं थी। उनके इस्तीफे को सरकार ने मंजूर भी कर लिया है। अब यहां पर भाजपा पार्षद संगीता तिवारी को अध्यक्ष बनाए जाएगा, जिसकी तैयारी प्रारंभ हो चुकी हैं।
सागर। मप्र के सागर जिले के गढ़ाकोटा नगर पालिका में भाजपा की नपा अध्यक्ष ने पूर्ण बहुमत होने के बावजूद महज दो साल के कार्यकाल के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सरकार ने उनका इस्तीफा तत्काल मंजूर भी कर लिया है। बता दें कि यह मामला इसलिए सुर्खियों में आया क्योंकि गढ़ाकोटा भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्वमंत्री और प्रोटेम स्पीकर रहे गोपाल भार्गव का गृहनगर है। अब गढ़ाकोटा में जल्द ही नई महिला पार्षद को अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसमें संगीता तिवारी का नाम सबसे ऊपर है।
पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र की गढ़ाकोटा नगर पालिका में भाजपा ने सभी सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था। यहां बहुमत के आधार पर पार्षद दीपा दिनेश लहरिया को अध्यक्ष चुना गया था। बीते दिनों उन्होंने महज दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। बीते रोज मप्र शासन ने इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारियां और स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। दीपा लहरिया अब सिर्फ नगर पालिका में पार्षद पद पर काबिज रहेंगी।
राजनीतिक समझौते के तहत दिया गया है इस्तीफा
भाजपा संगठन और गढ़ाकोटा नगर पालिका सूत्रों की बात माने तो दो साल पहले नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान भाजपा पार्षद दीपा दिनेश लहरिया और पार्षद संगीता मनोज तिवारी के नाम सामने आए थे। दोनों पार्षदों के पति भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के काफी नजदीकि नेता है। इस कारण उस समय एक राजनीतिक समझौता किया गया था, जिसमें दो साल तक दीपा लहरिया अध्यक्ष पद पर काबिज रहेंगी तो आगामी तीन साल के लिए अध्यक्ष पद संगीता मनोज तिवारी को सौंपा जाएगा। इसमें पार्षदों के बहुमत से उनका निर्वाचन कराया जाएगा। संभवत: इसी समझौते को अध्यक्ष दीपा लहरिया के इस्तीफे से जोड़कर बताया जा रहा है।
दीपा और संगीता दोनों ही चार-चार बार की पार्षद
गढ़ाकोटा नगर पालिका में वर्तमान तक अध्यक्ष रहीं दीपा लहरिया और संगीता तिवारी दोनों भाजपा से आती हैं। दोनों के पति भाजपा नेता और पूर्व मंत्री भार्गव के कट्टर समर्थक हैं। दोनों ही चार-चार बार की पार्षद हैं। इस कारण अध्यक्ष पद की दौड़ में दोनों आगे थीं। जिस कारण पांच साल के कार्यकाल में दो अध्यक्ष बनाने पर अघौषित समझौता खुद भार्गव की मौजूदगी में कराया गया था। उसी दौरान यह भी तय किया गया था कि पहले अध्यक्ष का कार्यकाल 2 साल का होगा व दूसरे अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल को होगा।
स्वच्छ राजनीति का संदेश दिया है
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने स्थानीय मीडिया से मामले में चर्चा करते हुए बताया कि दिनेश और मनोज दोनों ही मेरे लिए छोटे भाई समान हैं। दीपा दिनेश लहरिया ने दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद स्वेच्छा से पद त्यागकर स्वच्छ—अनुकरणीय राजनीति का संदेश दिया है। जहां तक मुझे जानकारी है प्रदेश का यह पहला मामला और अपनी तरह का अनूठा मामला है। उन्होंने कहा कि यह भी सही है कि राजनीति में पद पाने के बाद व्यक्ति अपने वचन से मुकर जाता है। व्यक्ति का स्वभाव ही है कुछ पाने के बाद वचन से पलटने का। लेकिन दीपा लहरिया ने जो निर्णय लिया है वह राजनीतिक जगत में याद रखा जाएगा।