सागर। देश में बनारस की गंगा आरती विश्वप्रसिद्ध है! ठीक उसी तर्ज पर अब सागर में ऐतिहासिक झील किनारे गंगा मैया की आरती की नई परम्परा का शुभारंभ हुआ है। सोमवार शाम को चकराघाट पर भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया। विधायक शैलेंद्र जैन ने बताया कि अब हर सोमवार को गंगा आरती होगी।
ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील और उसके तट पर बसे चकराघाट पर स्थित प्राचीन और आस्था के केंद्र मंदिरों के संरक्षण और साफ -सुथरा बनाने के लिए नागरिकों को जागरूक कर इनके संरक्षण और संवर्धन हेतु उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए बड़े शहरों की भांति पहली बार सागर में सोमवार को चकरा घाट पर श्री बैकुंठ धाम मंदिर परिसर में शंख झालर ,और जय मां गंगे के नारों के साथ गंगा आरती की शुरुआत हुई, जिसके गवाह शहर के हजारों की संख्या में उपस्थित नागरिक बने और सागर के इतिहास में पहली बार शुरू की गई इस नई परंपरा का लोगों ने उत्साह पूर्व स्वागत किया।
आरती का शुभारंभ 11 पंडितों द्वारा चकराघाट पर बड़ी आरती से किया गया तो आरती के साथ-साथ मंदिरों के शंख झूला और डमरूदल, अखाड़े, दलदल घोडी, बरेदी नृत्य दल की आवाज से पूरा क्षेत्र गूंजायमान हो गया और मंदिरों पर की गई रंग बिरंगी रोशनी से पूरा क्षेत्र जगमग हो गया, मानो मां गंगा स्वयं इस नई शुरुआत का स्वागत कर रही हों। आमजन में भी खुशी का माहौल देखा गया। सागर में पहली बार अपनी ऐतिहासिक धरोहर और आस्था के केंद्र को सुरक्षित रखने के लिए शुरू की गई इस पहल से नागरिकों को इस क्षेत्र के इतिहास के बारे में जानने की लालसा दिखी। मां गंगा आरती का शुभारंभ मंत्री गोविंद राजपूत, सांसद लता वानखेड़े, विधायक शैलेंद्र जैन, निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, कलेक्टर संदीप जीआर, पुलिस अधीक्षक विवेक सहवाल, निगम आयुक्त राजकुमार खत्री सहित जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में सागरवासी मौजूद थे।
झील हमारी पहचान है, इसे स्वच्छ व सुंदर बनाए
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि चकराघाट सागर का ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल है। आज एक नई परंपरा की शुरुआत गंगा आरती के रूप में की जा रही है। भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपए की राशि से हमारी विरासत सागर झील को स्वच्छ एवं सुंदर बनाया है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि सागर झील जो हमारी पहचान है, उसे स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। आज नई परंपरा की शुरुआत गंगा आरती के रूप में चकराघाट पर हुई है। अब प्रत्येक सोमवार को गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने पूर्वजों की स्मृति में गंगा आरती करना चाहते हैं वे लोग पंजीयन कर ले जिससे उनके नाम से आरती की जा सके।