दमोह। एमपी बीजेपी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मंत्रियों और नेताओं की खींचतान जब—तब सामने आ जाती है। बीते रोज पूर्वमंत्री व भाजपा नेता मानवेंद्र सिंह ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक पर आरोप लगाए थे। इसके जवाब उन्होंने देते हुए मानवेंद्र सिंह के पूरे खानदान को आरोप सिद्ध करने की चुनौती देते हुए कहा कि परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार (Union Minister Dr Virendra Kumar) ने दमोह में पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह के लगाए आरोपों पर तीखे तेवर दिखाते हुए खुली चुनौती दे डाली है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले लोगों को भाजपा और संगठन से कुछ लेना—देना नहीं है। उन्होंने पंडित दीनदयाल और संगठन की नीति रीति को न पढ़ा है और न समझा हैं। मंत्री खटीक यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि मानवेंद्र सिंह भाजपा में आयातित नेता हैं और उननको दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद भी नहीं पता है। वे स्वयं के लिए पार्टी में आए हैं।
मानवेंद्र सिंह के खानदान को चुनौती, आरोप सिद्ध करें या परिणाम भुगतें
केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक ने दमोह में मीडिया से रूबरू होते हुए मानवेंद्र सिंह के आरोपों पर बड़ी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वालों को कोई रोक नहीं सकता, लेकिन मैं उन्हें खुली चुनौती देता हूं, वह एक आरोप सिद्ध करके बता दें, मैं हर तरह की सजा भुगतने तैयार हूं। हम तो चौराहे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। वह राजनीति में स्वयं के लिए आए हैं। डॉ. खटीक ने मानवेंद्र सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि उनके पूरे खानदान को चुनौती है, आरोप सिद्ध करके बताएं अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
छतरपुर में पूर्व मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर लगाए थे आरोप
बीते रोज छतरपुर में भाजपा की राजनीति में उबाल आया था। दरअसल पूर्व मंत्री व बीजेपी नेता मानवेंद्र सिंह भंवर राजा और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलामंत्री लाल दीवान अहिरवार ने पीसी बुलाकर मीडिया से रूबरू होते हुए आरोप लगाया था कि जो व्यक्ति अपराधी है। मर्डर जैसे केस हैं, कई अपराध दर्ज है। इन्होंने शासकीय जमीन में मकान बना रखा हैं, बूथ कैपचरिंग और खनन के आरोप हैं, ऐसे युवक लोकेन्द्र सिंह को केंद्रीय मंत्री और सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक ने अपना प्रतिनिधि बना रखा है। ऐसे अपराधियों को अगर केंद्रीय मंत्री संरक्षण देंगे तो क्षेत्र में अपराध बढ़ेंगे। दरअसल केंद्रीय मंत्री ने हर विभाग में अपना एक प्रतिनिधि नियुक्त किया है। इसको लेकर स्थानीय स्तर पर विवाद हो रहा है। मामले में पीएमओ में शिकायत करने तक की बात कही गई है।