सागर। रक्षाबंधन यानि भाई-बहन के अटूट बंधन से भरा रिश्ता है। रक्षा बंधन पर्व के एक दिन पहले सागर में एक बेहद मार्मिक और दुखद घटना सामने आई। जिसमें 18 साल के दिव्यांग भाई की मौत होने पर उसकी छोटी दोनों बहिने अंतिम यात्रा में शामिल हुई और मुक्तिधाम पर जाकर मुखाग्नि दी। इसके साथ ही परंपरा के अनुरूप भाई को राखी बांधी बांधकर घर से अंतिम विदाई दी। इस मार्मिक घटना को जिसने भी देखा सुना उसकी आंखे नम हो गई।
सागर के रविशंकर वार्ड निवासी पापू भल्ला ताम्रकार के बेटे राजू की रक्षा बंधन के एक दिन पूर्व आज रविवार को मौत हो गई। 18 वर्षीय राजू जन्म से ही मानसिक रूप से कमजोर था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद राजू का माता—पिता और उसकी छोटी दोनों बहनें पूरा ख्याल रखती थी। कई जगह इलाज भी कराया, लेकिन राजू पूर्णतः स्वस्थ्य नहीं हो पाया। राजू की बहन माही उम्र 16 साल और महक उम्र 14 साल अपने बड़े भाई राजू को बेहद चाहती थी।
अर्थी उठने से पहले कलाई पर बांधी अंतिम राखी
रविवार को जब बहनों के चहेते भाई राजू की सांसे थमी तो पूरा घर—परिवार शोक में डूब गया। जब अर्थी उठने की बारी आई तो दोनों बहनों माही और महक ने अपने भाई की कलाई पर उसके जीवन की अंतिम राखी बांधी और टपकते आंसुओं के बीच अंतिम विदाई दी। दोनों बहनें घर से लेकर मुक्तिधाम तक पैदल अंतिम यात्रा में चली और मुक्तिधाम में पूरी रस्मों के साथ अंतिम संस्कार किया और मुखाग्नि दी। इस मार्मिक पल पर जो भी मुक्तिधाम में मौजूद था। वह दुखी नजर आया और भाई—बहन के प्रेम का ये प्रसंग देख आंखें भर आई।