तनमय की जो दास्तां हमने बताई वह कोई फिल्मी कहानी या मेडिकल रिसर्च नहीं है। सागर के बालाजी नगर निवासी राम साहू के बेटा तनमय बीते 9 साल से पैरों में कमजोरी और लड़खड़ाहट के कारण दिव्यांग जैसा जीवन जी रहा था। पिता ने उसका काफी इलाज कराया, एक्सपर्ट से फिजियोथेरेपी भी कराई, लाखों रूपए इलाज पर खर्च भी कर दिए, लेकिन आराम नहीं मिला।
योग निकेतन के सुबोध आर्य बताते हैं कि तनमय के पिता को जब योग के बारे में पता चला तो वे अपने बेटे को करीब एक महीने पहले योग निकेतन लेकर आए थे। यहां योगाचार्य विष्णु आर्यजी के मार्गदर्शन में उन्होंने अपने 9 साल के बेटे तनमय को योग कराना प्रारंभ किया था। योग का चमत्कार ही कहिये कि तनमन को महज एक महीने में ही काफी आराम मिला और वह न सिर्फ अपने पैरों पर खड़ा होने लगा बल्कि धीरे—धीरे चलने—फिरने भी लगा है। कुछ ही दिनों में तनमय दौड़ता नजर आएगा। योग ने राम साहू के बेटे की जिंदगी में उजाला तो किया ही, उसके जीवन में रफ्तार भी भर दी है। योग की ताकत और बेटे को चलते देखकर तनमय की मां सबसे ज्यादा खुश हैं।